Svatantrata ke Sargam: Vande Mataram Ka Hindi Swar
वंदे मातरम को जाने: हिंदू धर्म के सन्दर्भ में, राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक, भक्ति और एकता का भाव व्यक्त करती हुई।
वंदे मातरम् - यह एक ऐसा नारा है जो हमें हमारी मातृभूमि, भारत के प्रति समर्पित करता है। यह नारा भारत के आज़ादी की संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाता था। वंदे मातरम् (अर्थात् मैं तुमको प्रणाम करता हूँ, हे मातृभूमि) - इस शब्द की उत्पत्ति बंगाली कवि और लेखक बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की कविता "आनंद मठ" में से हुई।
इस नारे की प्रेरणा भारत की आज़ादी की लड़ाई के दौरान सभी स्वतंत्रता सेनानियों को मिली थी। इस नारे के ज़रिए हमारे देशवासियों को एकजुट होकर अंग्रेज़ों के विरुद्ध लड़ने की प्रेरणा मिली। वंदे मातरम् को सभी आज़ादी सेनानियों की आशा, शक्ति और संकल्प का प्रतीक माना जाता है। इस नारे को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक अविभाज्य अंग माना जाता है।
वंदे मातरम् के बोल और गीत ने भारतीयों की भावनाओं को सुनिश्चित करने का काम किया। यह गीत देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देता है और हमें हमारी राष्ट्रीयता के साथ गर्व महसूस कराता है। आज भी वंदे मातरम् के नारे और गीत का सम्मान हमारी सांस्कृतिक धरोहर में सम्मिलित किया जा रहा है।
संगीतकार और स्वतंत्रता सेनानी रवींद्रनाथ टैगोर ने वंदे मातरम् के गीत को संगीत दिया था। वंदे मातरम् ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई है, इसलिए इसे भारत की राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया गया है। यह गीत हमारे देश के लिए गौरव की प्रतीक है, जो हमें हमेशा वंदे मातरम् के नारे के साथ हमारे देश के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।